सोमवार, 25 जुलाई 2011

बाबा की हुंकार

घौटालो के देश में, एक घौटाला और
खेलो के आयोजन को, तू इसी कड़ी में जोड़
तू इसी कड़ी में जोड़ रे ,जी -स्पेक्ट्रम अनमोल
सरकार बचाने में ,खुल गई है पोल
अन्ना का आव्हान है, हो भ्रष्ट व्यवस्था नष्ट
जोकपाल न बन जाए ,हो लोकपाल स्पष्ट ||1||

कलमाड़ी सुरेश हुए ,डी.राजा के संग
अब तिहाड़ की जेल में ,होगी खूब सत्संग
होगी खूब सत्संग रे, ठग नटवर के साथ
ठग बाजी के खेल में ,सध जायेगे हाथ
कालाधन लाने के लिए ,बाबा की हुंकार
मारीशस के रूट कैसे ,आया धन अपार ||2||

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज