रविवार, 3 जुलाई 2011

हरी मिर्च: संगत राशि

हरी मिर्च: संगत राशि: "पक्का नहीं कहता कि सब, सांसत से लड़ लड़ता हूँ मैं हम कदम इक दम मिला, दुइ पाँव चल चलता हूँ मैं उजड़ें दीवारें खँडहर, छातें हों ..."

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज