रविवार, 3 जुलाई 2011

muktak

पगडण्डी जो चमन करेगा पथिक वही कहलायेगा
अंधियारे का भाग्य बदल दे दीप वही बन जाएगा
जो महलों का मोह छोड़कर गीत कुटी के गायेगा
भावो का सहगामी बनकर गीतकार कहलायेगा||1||

दें दुखियो का दर्द हरेगा सच्चे ईश को पायेगा
मात्र भूमि के चरणों में ही अपना जीवन चढ़ाएगा
किया नहीं प्राणों का अर्पण करे समर्पित जो जीवन
देशप्रेमी और कर्मयोगी वह कालपुरुष बन जाएगा ||2||

परमाणु विस्फोट करेगा महाशक्ति बन जाएगा
अमेरिकी प्रतिबंधो को क्या सहन कर पायेगा
पाक चीन को भारत क्या एक साथ निबटाएगा
स्वदेशी का चक्र सुदर्शन दुशमन से टकराएगा ||3||

राष्ट्रीयता का भाव जगा कर दिल्ली तक जो जाएगा
देशभक्ति का मंत्र पाठ कर एटमबम बनवाएगा
ममता समता जय अम्मा को येन कें पटायेगा
अटल बिहारी पाँच साल तक पी. एम् .फिर रह पायेगा||4||

अहिंसा का पाठ करेगा हिंसा को फैलाएगा
स्वांग रचा कर सज्जनता का गुंडों से पिटवाएगा
वह जनता को मुर्ख बनाकर ख़ुशी ख़ुशी जित जाएगा
वह पार्टी में फुट दल कर मिनिस्टर बन जाएगा ||5||

अफसर को जो खुश करेगा ठेका वो ले जाएगा
गुणवत्ता में उलट फेर कर कमीशन दे जाएगा
जनता के ही हाथ जोड़ कर राजनीती में आयेगा
चाटुकारिता के दम पर ही नेताजी बन जाएगा ||6||

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज