बुधवार, 27 जून 2012

नयन से दिखी कहा ईश्वरीय मीनारे है

देख लिए जिन्होंने दिन में तारे है
रास्ते अन्धेर्रो ने उनके सवारे है 

खो गई अचानक यूँ दिल की ख़ुशी
लुट गई
दिल की दौलत वे गए मारे है 

लौटा दे जो जिंदगी की सरगम
 

आंसू की नदीया है और वे किनारे है 

ले गए वे दिल दिलवर जाते जाते
उनकी यादो में रोये है पल गुजारे है 

आसमान और जमीन कहा मिलते है ?
क्षितिज में होते रहे मिलन के नज़ारे है 

मन की रोशनी
से ही दिखाई देता है
बहुत  
दिखती नहीं नयन से  ईश्वरीय मीनारे है

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज