शनिवार, 14 जुलाई 2012

सत्य

जिंदगी अफ़सोस मत कर हार से ही जीत मिलती
सत्य की बुनियाद गहरी ,झूठ की बिल्डिंग हिलती

झूठ तो दिखता है चेहरे,सत्य के है अर्थ गहरे
सत्य में ही तथ्य रहता ,तथ्य पर हर तर्क ठहरे
सत्य होता चिर सनातन ,सत्य से आशाये खिलती

सत्य ही तो सूर्य देव ,सूर्य सा जग -मग होता
झूठ के झुकते नयन है ,झूठ ही निर्लज्ज होता 
सत्य सहज वेदना है संवेदना भावो में मिलती

 

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज